The Definitive Guide to Shodashi

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एकान्ते योगिवृन्दैः प्रशमितकरणैः क्षुत्पिपासाविमुक्तैः

The Navratri Puja, For example, will involve putting together a sacred House and accomplishing rituals that honor the divine feminine, by using a concentrate on meticulousness and devotion which is believed to carry blessings and prosperity.

The Shreechakra Yantra promotes the many benefits of this Mantra. It's not Obligatory to meditate in front of this Yantra, but if You should buy and utilize it all through meditation, it can give remarkable Rewards to you. 

वन्दे तामहमक्षय्यां क्षकाराक्षररूपिणीम् ।

When Lord Shiva heard regarding the demise of his spouse, he couldn’t Handle his anger, and he beheaded Sati’s father. Still, when his anger was assuaged, he revived Daksha’s everyday living and bestowed him that has a goat’s head.

अष्टारे पुर-सिद्धया विलसितं रोग-प्रणाशे शुभे

षोडशी महाविद्या प्रत्येक प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ हैं। मुख्यतः सुंदरता तथा यौवन से घनिष्ठ सम्बन्ध होने के परिणामस्वरूप मोहित कार्य और यौवन स्थाई रखने हेतु इनकी साधना अति उत्तम मानी जाती हैं। त्रिपुर सुंदरी महाविद्या संपत्ति, समृद्धि दात्री, “श्री शक्ति” के नाम से भी जानी जाती है। इन्हीं देवी की आराधना कर कमला नाम से विख्यात दसवीं महाविद्या धन, सुख तथा समृद्धि की देवी महालक्ष्मी है। षोडशी देवी का घनिष्ठ सम्बन्ध अलौकिक शक्तियों से हैं जोकि समस्त प्रकार की दिव्य, अलौकिक तंत्र तथा मंत्र शक्तियों की देवी अधिष्ठात्री मानी जाती हैं। तंत्रो में उल्लेखित मारण, मोहन, वशीकरण, उच्चाटन, click here स्तम्भन इत्यादि जादुई शक्ति षोडशी देवी की कृपा के बिना पूर्ण नहीं होती हैं।- षोडशी महाविद्या

To the 16 petals lotus, Sodhashi, that is the form of mother is sitting with folded legs (Padmasana) eliminates each of the sins. And fulfils all of the needs together with her sixteen varieties of arts.

भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।

षोडशी महाविद्या : पढ़िये त्रिपुरसुंदरी स्तोत्र संस्कृत में – shodashi stotram

Attaining the eye of  Shodashi, types ideas in the direction of Other individuals come to be extra favourable, a lot less essential.  Ones interactions morph into a issue of great natural beauty; a detail of sweetness. Here is the this means of your sugarcane bow which she carries often.

वन्दे तामष्टवर्गोत्थमहासिद्ध्यादिकेश्वरीम् ॥११॥

Soon after slipping, this Yoni on the Hill, it transformed into a stone for the benefit of individual but it is explained that also secretion of blood prevails periodically just as if Goddess menstruates.

बिभ्राणा वृन्दमम्बा विशदयतु मतिं मामकीनां महेशी ॥१२॥

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